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प्रेरणादायक हिंदी कविता संग्रह -Inspiring Poems in Hindi

Written by-Khushboo

Updated on-

इस प्रेरक हिन्दी कविता संग्रह(inspiring poems in hindi) में हमारी कोशिश रही है, जीवन के कठिन समय में उत्साह और जोश से सराबोर करने वाली सभी प्रमुख कविताओं को एक जगह संकलित कर आपके लिए( विचारक्रांति परिवार के पाठक मित्रों के लिए ) प्रस्तुत करने का ! लेकिन… इन कविताओं(motivational poems) से पहले आप से अपनी बात … !

मित्र , व्यक्ति अपने जीवन की असफलताओं से टूटकर जब निराशा की गर्त में जाने लगता है । जीवन संघर्षों में अपने को बिखरा हुआ महसूस करने लगता है, तब मानव सभ्यता के महान विभूतियों ने जो अपनी भावनाओं(motivational hindi poem) को अपने शब्दों में उकेरा है, उस शब्दचित्र को (प्रेरक हिन्दी कविता) पढ़ने का, उस से गुजरने का एक अलग ही अनुभव और आनंद होता है ।

जीवन एक यात्रा है । हार और जीत यानी सफलता या असफलता इस यात्रापथ के दो किनारे… जिन से होकर गुजरती हुई हमारी जिंदगी अपनी मंजिल की तरफ लगातार बढ़ती रहती है। जैसे जीवन का एक सत्य मृत्यु है, उसी प्रकार असफलता भी एक सत्य है

प्रेरणा के दो शब्द जीवन के कठिन क्षणों में उस मजबूत सम्बल का काम करतें हैं, जिसके सहारे जीवन की यात्रा सुगम हो जाती है । प्रेरणा के दो शब्द कठिन समय में हमारी जीवन यात्रा के वह साथी बनते हैं, जो अपनी असफलताओं और जीवन संघर्ष की थकन के कारण उत्पन्न हुई निराशा की बदली से पार पाने में हमारी मदद करतें हैं।

महान व्यक्तित्वों के  अनगिनत अनुभवों और शब्दचित्रों से विश्व एवं हिंदी साहित्य भरा पड़ा है। यहां हम हिंदी की कुछ ऐसी ही कविताएं (inspiring poems in Hindi) आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं । जो आप को निराशा से निकाल कर फिर से एक बार अपनी मंजिल  को हासिल करने के लिए प्रेरित करने में नि:संदेह सफल होंगी । आप स्वयं को पुनः ऊर्जा से परिपूरित अनुभव करेंगे …!

महान कवियों ने कविताओं और छंदों के जरिये कुछ प्रेरणापुंज मानवता के लिए इस धरती पर उतार दिए हैं । जो अपनी कालातीत प्रकृति से मनुष्यता को कुछ अच्छा गढ़ने और कुछ अच्छा करने हेतु प्रेरित करती आ रही हैं । प्रिय मित्र इन्हीं ज्योतिस्तंभों से यहां मैंने आपके लिए कुछ दीप जलाने की कोशिश की है ।

मैं पूर्णतः आस्वश्त हूं की इन दीयों से आपके जीवन में उजाला जरूर फैलेगा ! और आपका संघर्ष आपके लिए सफलता के के द्वार निश्चय ही खोलेगा ! स्वयं को आलोकित करिये ऐसे ही प्रेरणा दायक हिंदी कविताओं से

तो प्रस्तुत है सफलता के लिए प्रेरित करने वाली अनमोल कविताओं का एक लघु संकलन (short motivational poems in hindi about success):


Inspiring poem in Hindi- tufano ki or ghuma do navik nij patwar

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार


तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज हृदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

यह असीम, निज सीमा जाने
सागर भी तो यह पहचाने
मिट्टी के पुतले मानव ने
कभी न मानी हार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है
इसके ही बल पर कर डाले
सातों सागर पार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

 कवि: श्री शिव मंगल सिंह सुमन

Agnipath Motivational and Inspiring Poem in Hindi

अग्निपथ !


वृक्ष हों भले खड़े,
हों बड़े, हों घने,
एक पत्र छाँह भी
मांग मत! मांग मत! मांग मत!

अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!

अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

यह महान दृश्य है,
देख रहा मनुष्य है,
अश्रु, स्वेद, रक्त से
लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ,

अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
                                                 
कवि: श्री हरिवंश राय बच्चन

Manav jab jod lagata hai Motivational poems in Hindi

मानव जब ज़ोर लगाता है


सच है, विपत्ति जब आती है,कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नही विचलित होते,क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं 
मुँह से न कभी उफ़ कहते हैं,

संकट का चरण न गहते हैं,जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,शूलों का मूल नसाते हैं,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाते हैं।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?

खम ठोक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब ज़ोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।

गुण बड़े एक से एक प्रखर,है छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसे लाली हो,वर्तिका-बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नही जलाता है,रोशनी नहीं वह पाता है।
मानव जब ज़ोर लगाता है...
                                 

  कवि: श्री रामधारी सिंघ “दिनकर"


inspiring poems in hindi for students-Lahron se darkar nauka par nahi hoti

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती 


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लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना, ना अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

डुबकियां  सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर, खाली हाथ लौट कर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती 
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती


                                           
कवि: श्री सोहनलाल द्विवेदी.

motivational hindi poem “Jo nahi ho sake poorn kam”

जो नहीं हो सके पूर्ण-काम


जो नहीं हो सके पूर्ण-काम
मैं उनको करता हूँ प्रणाम ।

कुछ कुण्ठित औ' कुछ लक्ष्य-भ्रष्ट
जिनके अभिमन्त्रित तीर हुए;
रण की समाप्ति के पहले ही
जो वीर रिक्त तूणीर हुए !
उनको प्रणाम !

जो छोटी-सी नैया लेकर
उतरे करने को उदधि-पार;
मन की मन में ही रही¸ स्वयँ
हो गए उसी में निराकार !
उनको प्रणाम !

जो उच्च शिखर की ओर बढ़े
रह-रह नव-नव उत्साह भरे;
पर कुछ ने ले ली हिम-समाधि
कुछ असफल ही नीचे उतरे !
उनको प्रणाम !

एकाकी और अकिंचन हो
जो भू-परिक्रमा को निकले;
हो गए पँगु, प्रति-पद जिनके
इतने अदृष्ट के दाव चले !
उनको प्रणाम !

कृत-कृत नहीं जो हो पाए;
प्रत्युत फाँसी पर गए झूल
कुछ ही दिन बीते हैं¸ फिर भी
यह दुनिया जिनको गई भूल !
उनको प्रणाम !

थी उम्र साधना, पर जिनका
जीवन नाटक दुखान्त हुआ;
या जन्म-काल में सिंह लग्न
पर कुसमय ही देहान्त हुआ !
उनको प्रणाम !

दृढ़ व्रत औ' दुर्दम साहस के
जो उदाहरण थे मूर्ति-मन्त ?
पर निरवधि बन्दी जीवन ने
जिनकी धुन का कर दिया अन्त !
उनको प्रणाम !

जिनकी सेवाएँ अतुलनीय
पर विज्ञापन से रहे दूर
प्रतिकूल परिस्थिति ने जिनके
कर दिए मनोरथ चूर-चूर !
उनको प्रणाम !

                                                     
कवि: श्री बाबा नागार्जुन


chalna hamara kam hai- inspiring poems in hindi

चलना हमारा काम है


गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूं दर दर बड़ा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पडा
जब तक न मंजिल पा सकूँ
तब तक मुझे न विराम है

चलना हमारा काम है....

कुछ कह लिया, कुछ सुन लिया
कुछ बोझ अपना बंट गया
अच्छा हुआ, तुम मिल गयी
कुछ रास्ता ही कट गया
क्या राह में परिचय कहूँ,
राही हमारा नाम है

चलना हमारा काम है...


जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी खोता कभी
आशा निराशा से घिरा,
हँसता कभी रोता कभी
गति-मति न हो अवरूद्ध,
इसका ध्यान आठो याम है

चलना हमारा काम है...

इस विशद विश्व-प्रहार में
किसको नहीं बहना पड़ा
सुख-दुख हमारी ही तरह,
किसको नहीं सहना पडा
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ,
मुझ पर विधाता वाम है

चलना हमारा काम है...


मैं पूर्णता की खोज में
दर-दर भटकता ही रहा
प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ
रोड़ा अटकता ही रहा
निराशा क्यों मुझे ?
जीवन इसी का नाम है

चलना हमारा काम है...


साथ में चलते रहे
कुछ बीच ही से फिर गए
गति न जीवन की रूकी
जो गिर गए सो गिर गए
रहे हर दम,
उसी की सफलता अभिराम है

चलना हमारा काम है...

फकत यह जानता
जो मिट गया वह जी गया
मूंदकर पलकें सहज
दो घूंट हंसकर पी गया
सुधा-मिश्रित गरल,
वह साकिया का जाम है

चलना हमारा काम है...


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चल तू अकेला..!Inspiring Poems in Hindi


चल तू अकेला..!
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए
तो तू चल अकेला
चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला..!
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, 

तो चल तू अकेला..!

जब सबके मुंह पे पाश
ओरे ओरे ओ अभागी!
सबके मुंह पे पाश
हर कोई मुंह मोड़के बैठे
हर कोई डर जाय..!
तब भी तू दिल खोलके, अरे! जोश में आकर
मनका गाना गूंज तू अकेला!

जब हर कोई वापस जाय..!
ओरे ओरे ओ अभागी! हर कोई बापस जाय..!
कानन-कूचकी बेला पर सब कोने में छिप जाय..!

तो चल तू अकेला..!
                                    
  रवीन्द्रनाथ टैगोर

hindi motivational poem-koshish kar hal niklega

कोशिश कर, हल निकलेगा


कोशिश कर , हल निकलेगा
आज नही तो, कल' निकलेगा..!

अर्जुन के तीर सा सध !
मरुस्थल से भी जल निकलेगा

मेहनत कर, पौधों को पानी दे
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा

ताक़त जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी, बल निकलेगा

ज़िंदा रख,दिल में उम्मीदों को
गरल के समन्दर से भी, गंगाजल निकलेगा

कोशिशें जारी रख, कुछ कर ग़ुज़रने की
जो आज है थमा-थमा सा चल निकलेगा

कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नहीं तो, कल निकलगा..!

आंनद परम

inspiring poems in hindi -kuchh sapno ke mar jane se in hindi

कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है


छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है

सपना क्या है, नयन सेज पर
सोया हुआ आँख का पानी
और टूटना है उसका ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी
गीली उमर बनाने वालों, डूबे बिना नहाने वालों
कुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है

माला बिखर गयी तो क्या है
खुद ही हल हो गयी समस्या
आंसू गर नीलाम हुए तो
समझो पूरी हुई तपस्या
रूठे दिवस मनाने वालों, फटी कमीज़ सिलाने वालों
कुछ दीपों के बुझ जाने से, आंगन नहीं मरा करता है

खोता कुछ भी नहीं यहां पर
केवल जिल्द बदलती पोथी
जैसे रात उतार चांदनी
पहने सुबह धूप की धोती
वस्त्र बदलकर आने वालों चाल बदलकर जाने वालों
चन्द खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है

लाखों बार गगरियाँ फूटीं
शिकन न आई पनघट पर
लाखों बार किश्तियाँ डूबीं
चहल-पहल वो ही है तट पर
तम की उमर बढ़ाने वालों! लौ की आयु घटाने वालों
लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है

लूट लिया माली ने उपवन
लुटी न लेकिन गन्ध फूल की
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिड़की बन्द न हुई धूल की
नफरत गले लगाने वालों सब पर धूल उड़ाने वालों
कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से दर्पन नहीं मरा करता है


Inspiring Poem in Hindi on life for students -Lohe ke ped hare honge

लोहे के पेड़ हरे होंगे !

लोहे के पेड़ हरे होंगे

लोहे के पेड़ हरे होंगे
तू गान प्रेम का गाता चल

नम होगी यह मिट्टी ज़रूर
आँसू के कण बरसाता चल

सिसकियों और चीत्कारों से
जितना भी हो आकाश भरा
कंकालों का हो ढेर
खप्परों से चाहे हो पटी धरा
आशा के स्वर का भार
पवन को लेकिन, लेना ही होगा
जीवित सपनों के लिए मार्ग
मुर्दों को देना ही होगा
रंगो के सातों घट उँड़ेल
यह अँधियारी रँग जायेगी
ऊषा को सत्य बनाने को
जावक नभ पर छितराता चल

आदर्शों से आदर्श भिड़े
प्रज्ञा प्रज्ञा पर टूट रही
प्रतिमा प्रतिमा से लड़ती है
धरती की किस्मत फूट रही
आवर्तों का है विषम जाल
निरुपाय बुद्धि चकराती है
विज्ञान-यान पर चढी हुई
सभ्यता डूबने जाती है
जब-जब मस्तिष्क जयी होता
संसार ज्ञान से चलता है
शीतलता की है राह हृदय
तू यह संवाद सुनाता चल

सूरज है जग का बुझा-बुझा
चन्द्रमा मलिन-सा लगता है
सब की कोशिश बेकार हुई
आलोक न इनका जगता है
इन मलिन ग्रहों के प्राणों में
कोई नवीन आभा भर दे
जादूगर! अपने दर्पण पर
घिसकर इनको ताजा कर दे
दीपक के जलते प्राण
दिवाली तभी सुहावन होती है
रोशनी जगत् को देने को
अपनी अस्थियाँ जलाता चल

क्या उन्हें देख विस्मित होना
जो हैं अलमस्त बहारों में
फूलों को जो हैं गूँथ रहे
सोने-चाँदी के तारों में
मानवता का तू विप्र
गन्ध-छाया का आदि पुजारी है
वेदना-पुत्र! तू तो केवल
जलने भर का अधिकारी है

ले बड़ी खुशी से उठा
सरोवर में जो हँसता चाँद मिले
दर्पण में रचकर फूल
मगर उस का भी मोल चुकाता चल
काया की कितनी धूम-धाम
दो रोज चमक बुझ जाती है
छाया पीती पीयुष
मृत्यु के उपर ध्वजा उड़ाती है
लेने दे जग को उसे
ताल पर जो कलहंस मचलता है
तेरा मराल जल के दर्पण
में नीचे-नीचे चलता है
कनकाभ धूल झर जाएगी
वे रंग कभी उड़ जाएँगे
सौरभ है केवल सार, उसे
तू सब के लिए जुगाता चल

क्या अपनी उन से होड़
अमरता की जिनको पहचान नहीं
छाया से परिचय नहीं
गन्ध के जग का जिन को ज्ञान नहीं
जो चतुर चाँद का रस निचोड़
प्यालों में ढाला करते हैं
भट्ठियाँ चढाकर फूलों से
जो इत्र निकाला करते हैं
ये भी जाएँगे कभी, मगर
आधी मनुष्यतावालों पर
जैसे मुसकाता आया है
वैसे अब भी मुसकाता चल

सभ्यता-अंग पर क्षत कराल
यह अर्थ-मानवों का बल है
हम रोकर भरते उसे
हमारी आँखों में गंगाजल है
शूली पर चढ़ा मसीहा को
वे फूल नहीं समाते हैं
हम शव को जीवित करने को
छायापुर में ले जाते हैं
भींगी चाँदनियों में जीता
जो कठिन धूप में मरता है
उजियाली से पीड़ित नर के
मन में गोधूलि बसाता चल

यह देख नयी लीला उनकी
फिर उनने बड़ा कमाल किया
गाँधी के लोहू से सारे
भारत-सागर को लाल किया
जो उठे राम, जो उठे कृष्ण
भारत की मिट्टी रोती है
क्या हुआ कि प्यारे गाँधी की
यह लाश न जिन्दा होती है?
तलवार मारती जिन्हें
बाँसुरी उन्हें नया जीवन देती
जीवनी-शक्ति के अभिमानी
यह भी कमाल दिखलाता चल

धरती के भाग हरे होंगे
भारती अमृत बरसाएगी
दिन की कराल दाहकता पर
चाँदनी सुशीतल छाएगी
ज्वालामुखियों के कण्ठों में
कलकण्ठी का आसन होगा
जलदों से लदा गगन होगा
फूलों से भरा भुवन होगा
बेजान, यन्त्र-विरचित गूँगी
मूर्त्तियाँ एक दिन बोलेंगी
मुँह खोल-खोल सब के भीतर
शिल्पी! तू जीभ बिठाता चल

लोहे के पेड़ हरे होंगे
तू गान प्रेम का गाता चल


हमें पूरा विश्वास है कि हमारा यह हिन्दी कविताओं का संकलन (inspiring poems in hindi) आपको पसंद आया होगा । सभी कविताएं बहुत ही लोकप्रिय हैं एवं लगभग सभी रचनाएं पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं । फिर भी इन कविताओं को चयनित एवं संकलित करने में हमें थोड़ा परिश्रम अवश्य करना पड़ा है।

आने वाले दिनों में इस संकलन (short motivational poem in Hindi) को हम उत्तरोत्तर उत्कृष्ट बनाने की चेष्टा करते रहेंगे… ! लेकिन उससे पहले आप से एक आग्रह… कुछ कविताओं में मैंने कवियों के नाम मैंने जान बुझ कर नहीं लिखा है, क्या आप इन कवियों के नाम कमेन्ट बॉक्स में लिखना चाहेंगे !

अगर आपको यह कविताओं(motivational poems) का संकलन पसंद आया हो, तो कृपया इस कविता संग्रह को अपने दोस्तों के साथ शेयर करिए,क्योंकि कहा जाता है – Sharing is Caring ! आपकी ओर से की गई इस पहल से हमें थोड़ा motivation मिलेगा । त्रुटि अथवा किसी भी अन्य प्रकार की टिप्पणियां नीचे कमेंट बॉक्स में सादर आमंत्रित हैं …जरूर लिख भेजिए !

बने रहिये Vichar Kranti.Com के साथ । अपना बहुमूल्य समय देकर कविताओं को पढ़ने के लिए आभार ! आने वाला समय आपके जीवन में शुभ हो ! फिर मुलाकात होगी किसी नए आर्टिकल में ..

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